किसी समाज या राष्ट्र की तरक्की का रास्ता विद्यालयों से ही होकर गुजरता है। वर्तमान युग ज्ञान का युग है, ऐसे में शिक्षा की समुचित व्यवस्था एक बुनियादी ज़रूरत है। शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया जाना यह संकेत है कि अब कोई भी व्यक्ति बिना ज्ञान के अपने अस्तित्व को बचा नही सकता। बड़ी जनसंख्या के इस देश में हर नागरिक को गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध करा पाना एक बहुत बड़ी चुनौती है विशेषकर ऐसे माहौल में जब शिक्षा का व्यवसायीकरण जोरो पर है। जनपद गाजीपुर में यद्यपि माध्यमिक शिक्षा के कई केन्द्र चल रहे हैं लेकिन C.B.S.E. और I.C.S.E. द्वारा संचालित संस्थान केवल आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों तक ही सीमित है 30 प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद (जहाँ निर्धन सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश छात्र/छात्रा अपने ज्ञान की प्यास बुझाते हैं) द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों में निरन्तर शैक्षिक गिरावट, एक चिंता का विषय है। वर्तमान में जब शिक्षा का निजीकरण, व्यवसायीकरण व अर्थ प्रधान शिक्षा चरम पर है, तो प्रबन्धतन्त्र, शिक्षातन्त्र व सरकारी तन्त्र, तीनों में नैतिकता का हास अन्तिम सीमा तक हुआ है। अभिभावक भी अपना दायित्व विद्यालय पर थोपकर चैन की नींद सोना चाहते हैं। विद्यार्थी बाहरी चकाचौंध मॉल, मोबाइल, टी०वी० इण्टरनेट, लैपटाप की दुनियाँ को छोड़कर शिक्षण कक्ष में लकड़ी की बेंच पर बैठना अपना अपमान समझ रहे हैं। सरकारी तन्त्र भी ठीक से कार्य करना नहीं चाहता, तथा देश के अधिकांश नागरिक भी अपने मौलिक अधिकारों के प्रति निष्क्रिय है। ऐसे में कैसे होगा अ समाज व राष्ट्र का निर्माण? इस प्रश्न का उत्तर केवल विद्यालयों में, समस्याओं के बीच अवसर तलाश कर सकारात्मक सोच के साथ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार ही एक मात्र विकल्प है। इसी विचार को लेकर एम०ए०एच० इण्टर कालेज, गाजीपुर में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने का सफल प्रयास जारी है तथा भविष्य में इस विद्यालय को आधुनिक सुविधा सम्पन्न (स्मार्ट क्लासेज, प्रोजेक्टर, डाउट क्लासेज आदि) बनाकर प्रदेश में एक ऐसे माडल के रूप में पेश करना है जिससे यह सिद्ध हो सके कि यदि विद्यालय परिवार संकल्पित होकर सही दिशा में दृढ़ इच्छा के साथ कार्य करे तो सरकारी विद्यालय को भी व्यवसायिक प्राइवेट विद्यालयों से बेहतर बनाया जा सकता है, इसी कड़ी में सत्र 2019-20 से कक्षा VI व IX में अंग्रेजी माध्यम (English Medium) में भी पढ़ाई प्रारम्भ हो रही है।

एम०ए०एच० इम्टर कालेज, गाज़ीपुर शहर में स्थित शासन द्वारा सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्था है, जिसकी स्थापना सर सैय्यद मिशन की देन है। विद्यालय को हाईस्कूल की मान्यता 1948 में, 1966 में इण्टर कला वर्ग तथा 2005 में इण्टर विज्ञान वर्ग एवं 2015 में इण्टर वाणिज्य वर्ग की मान्यता प्राप्त हुई। विद्यालय में भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान तथा कम्प्यूटर की सुसज्जित प्रयोगशाला के साथ लगभग पाँच हजार पुस्तकों की लाइब्रेरी भी है। परिसर का वातावरण स्वच्छ एवं सुन्दर है। कुल 35 कक्षों में पंखे, दो सेट जनरेटर, साफ पानी की व्यवस्था के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, योग्य एवं परिश्रमी अध्यापकों के माध्यम से दी जाती है। शासन द्वारा निर्धारित फीस पर विद्यालय में वे सभी सुविधाए उपलब्ध है जिसके नाम से पब्लिक स्कूलों में आर्थिक शोषण होता है। विद्यालय की प्रबन्ध समीति का संकल्प है कि इस विद्यालय को जनपद का एक ऐसा शिक्षा केन्द्र बनाया जाय जहाँ से गरीब व अभावग्रस्त छात्रों का समुचित व्यक्तिव विकास हो सके। समाज में महिलाओं का शोषण व उनकी दयनीय स्थिति में सुधार के लिए भी स्तरीय शिक्षा की व्यवस्था करना आवश्यक है। विद्यालय परिवार ने सत्र 2013-14 से इण्टर कला वर्ग तथा सत्र 2015-16 से वाणिज्य वर्ग में बालिकाओं का प्रवेश प्रारम्भ कर दिया है। क्षेत्रीय जनता की मांग पर सत्र 2018-19 में कक्षा IX में भी बालिकाओं (Girls) के प्रवेश की सुविधा दी गयी है।

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